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Noted Nest

Tum Ho...

By Rajani Diyewar



तुम उस सुबह की तरह हो,

जो उगते ही नई रोशनी फैलाती है|


तुम उस दोपहर की तरह हो,

जो फूलों की तरह मुस्कुराती है|


तुम उस शाम की तरह हो,

जो धीरे-धीरे ढलते ही,

एक नए फूल की तरह खिल जाती है|


तुम उस रात की तरह हो,

जिस पर चांद की रोशनी गिरते ही, तारों की तरह जगमगाती है |


तुम मेरे लिए एक नए दिन की तरह हो,

जो हर पल मुझे एक नया एहसास दिलाती है|


तुम ही मेरी सुबह हो,

तुम्ही सेही मेरी शाम है|


तुम ही मेरा दिन हो,

तुम्ही सेही मेरी रातें हैं |


By Rajani Diyewar



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