By Ritwik Das
तेरी हर अदा में छिपा है मेरा साया,
गुलाब की खुशबू में जैसे यासिर हमीं थे।
तेरे नाम की क़लम से लिखी गई ये दास्तान,
दिल के हर एक नाज़ुक अल्फाज़ हमीं थे।
तू जब भी मुस्कुराई, लगा जैसे बहार आई,
तेरे बिन इस जिंदगी में, वीरान हमीं थे।
तेरी आँखों की गहराई में डूब कर जाना,
हर ख्वाब में, हर ख्याल में, प्यार हमीं थे।
तेरे बिना ये शामें, बस उदासी की साज़िश,
हर एक लम्हा तन्हाई की क़िस्मत हमीं थे।
तेरे इश्क के रंग में रंगीन थी ज़िंदगी,
तेरे बिना इस सफ़र में अधूरे हमीं थे।
तेरे वादों की ख़ुशबू, जैसे महकती बगिया,
हर एक ख्वाब में छिपे तसव्वुर हमीं थे।
हर एक याद में तेरा, नाम लिया हमने,
दिल की हर धड़कन में, तेरा साया हमीं थे।
तेरे इश्क की बारिश में, भिगो दिया हमने,
खुशबू से महकते, गुलज़ार हमीं थे।
तेरे बिना ये चाँदनी, अधूरी सी लगे,
तेरे बिना जैसे अकेले, सितारे हमीं थे।
जब तू पास थी, दुनिया सब रंगीन थी,
तेरे बिना हर सुबह, उदासी की काली शाम हमीं थे।
तेरे साथ गुजारी, हर एक शाम सुहानी,
तेरी हंसी में छुपा, खुशी का हर मंज़र हमीं थे।
तेरे इश्क की राहों में, चलते रहे सदा,
हर मोड़ पर तेरा, एहसास हमीं थे।
तेरी बातों में बसी, जैसे कोई दवा,
हर दर्द को भुला दे, असर था, हमीं थे।
तेरे ख्वाबों में जीते, तेरा नाम लेते,
हर लम्हा तेरे साथ, खुदा की दुआ हमीं थे।
By Ritwik Das
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