top of page

Tera Jikar

Noted Nest

By Vikram Jit



कहना है लोगो का के पहला खास होता है 

पर यकीन करना मेरा ये जो एक अहसास होता है

वो खास से भी खास होता है

तू मेरा पहला प्यार नहीं

मेरी इश्क वाली फीलिंग था

इश्क ही क्या

तुझसे तो सब कुछ ही पहला हुआ था





था नहीं खास कुछ भी तेरे आने में

पर

उम्र के उस दौर में तुझसे राब्ता हुआ था

पहली बार देख के कुछ अजीब सा ही हुआ दिल को मेरे 

इस तरह

तुझसे मिलके मेरा इश्क से वास्ता हुआ था



सुना है तूने के बहुत लिखा है तेरे बारे में

चल  आ आज तुझे थोड़ा सा खुद से मिलाता हूं

याद होगा तुझे सब कुछ ही

जरा भूल गई है तो एक बार फिर मै तुझे कुछ 

याद दिलाता हूं





याद है मुझे के जब मैंने तुझे देखा था पहली बार

तू दूर कही बैठी थी और मैंने अपने दोस्तो से सुना था के 

आई है एक लड़की जरा मोटी सी

दो ही दिन हुए थे तुझे स्कूल में आए हुए

और उन्होंने ही बताया था के तू हाइट में भी है जरा छोटी सी


याद है तुझे के जब मै पहली बार तेरी क्लास में आया था 

तू पहले बेंच पर ही बैठी थी

बिल्कुल शांत 

पर तेरे दाएं हाथ की तर्जनी उंगली तेरे बालों में बहुत शोर मचा रही थी

मेरे आते ही पूरी क्लास शांत हो जाती थी

पर जो शोर तेरे शांति में था वो शोर आज तक मैंने नहीं सुना था

तब नहीं पता था मुझे के

तू वहीं है जिसे शायद खुदा ने मेरे लिए चुना था



छुट्टियों बाद पहला दिन था स्कूल का

पता नहीं क्यों मुझसे रहा ना जाय

फिर वो शायद जुलाई का महीना था

जिस दिन तुझे छोड़ के सब आए

चार दिन बाद हंसी जरा सी लबों पर छाई थी

जब तू मुझे मेरी क्लास में बुलाने आई थी

और उस दिन मैंने पहली बार तुझे इतने करीब से देखा

तू चीज क्या है निकल गया मुंह से मेरे

और सुन के ये तूने मुझे बड़े अजीब से देखा


मोटी सी लड़की

घुंघराले से बाल

नाक में बाली

और बोलने के लहजे का बुरा हाल

क्युकी यहीं सब तो देखा था सबने तुझमें

इसीलिए लाजिमी था तेरा परेशान होना


बंधी जुल्फे

सुर्ख गाल

आहा क्या कहना

बेमिसाल


पर जिस तरह सुना मैंने खुद को मुझमें

गैर लाजिमी था मेरा परेशान होना


तुझे देख कर भी कुछ तो हो जाता था

थम सा जाता था सब कुछ

और तेरे अलावा कुछ नजर भी ना आता था

चाहे तू तेरी क्लास में रहे या

पानी पीने के लिए बाहर आए

मेरी नज़रे बस तुझे ही देखती थी

और बिना देखे भी कुछ हो जाता था

बिना वजह ही उदास हो जाता था मै

चेहरा तेरा ही दिल को रेलगाड़ी बनाए रखता था

ना नजर आये कभी

तो मुझमें मेरा ही कुछ खो जाता था


मै जितनी बार तुझे देखता था

हर बार कुछ नया सा मिलता था

पुराना सा था मै बिना किसी के साथ के

तुझी से बिना वजह जाने क्यों खिलता था


फिर हुआ कुछ ऐसा के 

अगस्त के बाद सूरज ओर दिल ने मेरे ने थोड़ा सा पिघलना शुरू किया था

तेरी नोज रिंग कितना करीब है तेरे चेहरे के

कसम से जो बताया था मैंने

तभी से लोगो ने जलना शुरू किया था 

तेरी बड़ी बड़ी आंखो की झील सी गहराई को नाप के जो बताया मैंने

कसम से तभी से लोगो ने तेरी तरफ चलना शुरू किया था

तेरे मुस्कराने पर जो साइड वाला दांत आसमान के चांद से भी ज्यादा चमकता था 

कसम से जो बताया था मैंने

तभी से लोगो ने तुझसे मिलके खिलना शुरू किया था

तेरे शरमाने पर जो कान तेरे 

हंसते गुलाबी गालों से ज्यादा लाल हो जाते थे

रंगो के लिहाज से जो समझाया मैंने 

कसम से तभी से लोगो ने तुझसे मिलना शुरू किया था

मेरे ही वजह से लोग तुझसे बिना मिले तुझे पहचान जाते थे

तेरी जुल्फें कितने सलीके से बराबर तेरे लबों तक आती है

कहर भांपकर इन्हे जो बताया मैंने

कसम से सुन के ख़ाली "तेरा जिक्र"

पड़ोसी मोहल्ले के सीनो ने भी मचलना शुरू किया था

गालों के तिल से तेरे जो कैसे भी बच गया मै

अगले दिन तूने जुल्फे खोल के कयामत ही कर दी

कसम से यार अभी तो दिल ने मेरे संभलना शुरू किया था।

।।


तेरे उलझे हुए बालों में ना उलझु

तो क्या पता क्या कर ही जाऊ

तेरे हाथो की छोटी सी उंगलियों में कैद हूं मै

अगर उन से ना सुलझु तो 

क्या पता मर ही जाऊ

तेरे गर्दन के नीचे वाला तिल से लेकर तेरे पैर के अंगूठे के निशान तक सब पता था मुझे बिना भूले तुझे अब तू ही बता

तो किधर ही जाऊ

तेरी टूटी फूटी हिंदी ने बिगाड़ दिया था मुझे 

अगर ना सुनूं तेरा हां को आं कहना क्या पता 

शायद सुधर ही जाऊ



जाने कितनी ही बार नींदों को इस चांदनी रात में टांगा है मैंने

कहना था लोगो का के सुबह 4 बजे के ख्वाब सच हो जाते है

एक उम्र गुजार करके तुझे उन ख्वाबों में मांगा है मैंने




इस तरह से तो तूने कभी खुद को पढ़ा भी नहीं होगा

जिस तरह से मैंने तुझे लिखा है

जाने कितने ही लोगो को तुझसे मुहब्बत हो गई थी

बिना तुझे देखे बिना तुझे सुने 

जाने कितने ही लोगो को तेरी आदत हो गई थी 

मै तुझसे था और तेरा वजूद मुझसे था

दोनों को ही बे इंतेहा इश्क भी था

पर वो चीज होती ही कहा है आसानी से

मिलता हमे सुकून जिस से था


ओर फिर एक दिन वो भी आ गया

तेरा किसी और का होने के बाद तुझे अपनी बना कर रखना मेरा कोई काम नहीं था

जा रहा था तू ओर बिना मुस्कराए तुझे पलट के ना देखना इतना भी आसान नहीं था 

उस दिन तू ही बता मै किधर जाता

पता था मुझे के किस्सा ये ख़त्म हो गया

अगर वो वादा ना होता ना के रहना है हमे 

कसम से तेरे लिए उस दिन मै मर भी जाता।।



By Vikram Jit



 
 
 

Recent Posts

See All

Moonlit

By Alia Gupta The moon shines bright.  As the daughter of Hecate herself, dreams of her beloved She rustles his gentle hair His heartbeat...

The Escape

By Alia Gupta It's all a haze; she sits down with grace, The world quiets down, Muffled voices, blurry all around The rhythm of her heart...

The Definition

By Alia Gupta She was thirteen. She didn't know what love was. She had heard about it. Might have seen it. So, she searched for it. But a...

Comments


bottom of page