By Rachana Chaitanya Navathe
जग को जीवन देने वाली,
ममता से भरी एक नारी है।
हर रिश्ते को जोडने वाली
वोह पापा की दुलारी है।
कभी राम की सिया है वोह
कभी झाँसी की रानी है ।
कभी शिव की शक्ती है
तो कभी अंबा और काली है।
कभी चाँद सी शीतल है वोह
कभी सूर्य की तप्ती ज्वाला है।
कभी मित्रता की छाया है
तो कभी शंका की माया है।
इस दुनिया की चाहत है वोह
और मन की रागिणी है।
जैसा मन में भाव होगा
वैसी वो मनहरिणी है ।
जो हर किरदार निभाए
ऐसी उसकी कहानी है।
जग को जीवन देने वाली,
वोह ममता से भरी एक नारी है ।
By Rachana Chaitanya Navathe
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