top of page
Noted Nest

My New Home

Updated: Dec 16, 2024

By Solanki Mohit



हाल ये है कि अब कोई पूछता ना हाल,

बेहाल कर गया ख़ुद के फ़िसाल का ख्याल।

ये कैसा ज़वाल करता रहा ख़ुद से सवाल,

दफ़्न कर गया मुझे ये मलाल कि

यहाँ हकीकत में नहीं होता कोई कमाल।

सब है बस ख़्याल मेरी बेहोशी में,

ख़ानाबदोशी में फिर रहा दर-बदर,

कहाँ होगा मेरा बसर? कोई ख़ौफ़ नहीं कल का,

ना कल का कोई मलाल, हो चुका हूँ निढाल।


अब उम्मीद के साये भी हमें छोड़ गए,

ना-उम्मीदों में दिन गुज़र रहे,

गुज़र ही रहे हैं हम भी, ख़ुद को खोकर,

दिल मोड़ कर सबसे, ख़ुद से भी दूर चले गए।

ख़ुदा की तलाश करने वाला खो गया,

हो गया जो होना था, सो गया सारा शहर।

जो जागता था मेरे ज़ेहन में रातों को,

बातों में, जो ख़ुद से कभी किया करता था,


जी हाँ, शराब मैं भी पिया करता था।

ज़ाहिर है अब तो सब, कुछ छुपा तो नहीं?

बर्बादी का कहर क्या अभी तक बरपा नहीं?

पूछो उनसे जिनको शौक नहीं था होने का,

उनको भी इस वजूद ने बख़्शा नहीं।

खा गया हर ख़ुशी, हर ख़ुशनसीब की,

और बदनसीबों की बदनसीबी का आलम ये था,

कि सुकून से मिली मौत भी नहीं।

माफ़ी माँगते रहे वो जिनका कोई गुनाह नहीं,

रोते रहे और मरते रहे लेकिन उसने सुना नहीं।


ख़ैर, हम माँगते हैं सबकी ख़ैर ख़ुदा से,

जो हमें अब तलक कहीं दिखा नहीं।

और ना ही दिखे तो सही, वरना उसकी ख़ैर नहीं।

सिलसिला ऐसा कि सिलसिलेवार तरीके से बताएंगे।

अब रात हो चली है, हम तारों को देखने जाएंगे।

आसमान में हमें तारों के सिवा कुछ और दिखता नहीं,

एक चांद की तलाश में न जाने कितने रिश्ते टूट गए।

बिखर गए वो सारे ख्वाब और ख़्याल हमारे,

जिनको सजाने में न जाने कितनी रातों के तारे टूट गए।


By Solanki Mohit



1 view0 comments

Recent Posts

See All

Dance Of Divine Devotion

By Ankitha D Tagline : “Sacred connection of destined souls in Desire, Devotion and Dance”.  Softly fades the day’s last light,  On ocean...

The Last Potrait of Us

By Simran Goel When I unveiled my truth, You held me close, no fear, no ruth. Burdens erased, shadows fled, Your love claimed the words...

Life

By Vyshnavi Mandhadapu Life is a canvas, and we are the brushstrokes that color its expanse Each sunrise gifts us a blank page, inviting...

Comments


bottom of page