By Riya Singla

माँ नहीं, हम तो मम्मी कहते हैं,
अच्छी हैं, प्यारी हैं, सुंदर हैं,
कभी-कभी मारती हैं जब गुस्से में आती हैं,
लड़ती हैं, झगड़ती हैं,
जब हमसे गलतियाँ होती हैं,
जब मनमुटाव होता है,
एक-दो दिन हमसे बात नहीं करती हैं,
पापा को कह-कह कर काम करातीं हैं,
पर फिर जब हम सो जाते हैं तो बड़ा पछताती हैं,
प्यार भरा हाथ सर पे फेरती हैं,
गले से लगातीं हैं,
जब कोई काम हो हमारी पढ़ाई का,
झाँसी की रानी बन जातीं हैं,
पकड़नी हो बस चाहे देना हो एग्जाम,
भाग-भाग कर तैयारियाँ करतीं हैं,
घर आकर सबसे पहले एग्जाम कैसा हुआ पूछतीं हैं,
हो जाए अच्छा तो सब जगह बात फैलातीं हैं,
ना जाए अच्छा तो रात-रात भर जागतीं हैं,
हमारी कामयाबी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करतीं हैं,
खुद को भूलकर हमें हमारे मनपसंद झुमके दिलातीं हैं,
बेख्याली में भी हमारा ख्याल रखतीं हैं,
तभी तो गर्म चम्मच खुद हाथ लगातीं हैं,
अपने सपने भूलाकर हमारे भविष्य की चिंता करतीं हैं,
और इसीलिए जिस दिन कामयाब होंगे,
हमारी मम्मी, हमारे साथ होंगी,
यही कामना हम बेटियाँ भोलेनाथ के आगे करतीं हैं।
By Riya Singla
True Lines….,
True lines for mother
Well done cutieee 😍
Remembering that bhagwan har jagah nhi ho saktha isliye unhone maa ko banaya 🥰
Very true..😇😇
Very well done👍