By Kirti Yadav
वो रंगें शामें वो मौसम सुहाना।
लो फिर याद आगया वो गुज़रा ज़माना।।
वो उड़ती घटाएं वो भीगे नज़ारे।
जहा हम मिले थे नदी के किनारे।।
के आसान नहीं है उन्हें भूल जाना।
लो फिर याद आगया वो गुज़रा ज़माना।।
तुम्हारी मुहब्बत भरी वो निगाहें।
जो है बन गयी मेरी खामोश आहें।।
की राहो के रिश्तों का टूट जाना।
लो फिर यद् आगया वो गुज़रा ज़माना।।
दुआ है हमारी की आबाद रहना।
निगाहों में दुनिया की सदा याद रहना।।
ख्यालों में मगर मेरे रोज़ आना।
लो फिर याद आगया वो गुज़रा ज़मान।।
By Kirti Yadav
Ati sundar
Woow
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