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Noted Nest

Gazal

Updated: Oct 2

By Sachin Mujumdar



बीत जायेगा ये वक़्त और बदल जायेगा ये दौर 

हो सकता है थम जाये गजवा-ए-हिन्द का ये शोर


किस्मत बदलना है देश की तो राष्ट्रभक्त बन 

अपने वोट की ताक़त से लिख देश की सुनहरी भोर


मुद्दतो बाद मिलता है नेता देश को ऐसा कोई 

तन की बाते भूल जा कर मन की बातों पे गौर


तीन सौ सत्तर हट गई मंदिर भी बन गया है अब 

फिर से चुन ले उसको तू काम है बाकि कुछ और


आतंक का मुँह तोड़ दिया छप्पन इंच के सीने ने 

माँगते थे जो कश्मीर अब बचाने लगे है लाहौर


By Sachin Mujumdar



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5 Comments


Bahut khoob

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Well said

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Very nicely expressed the current political situation ♥️

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वर्तमान राजनीति को प्रासंगिक बनाती हुई गजल है...वर्तमान राजनीति को प्रासंगिक बनाती हुई गजल है...👌🏻वर्तमान राजनीति को प्रासंगिक बनाती हुई गजल है...👌🏻

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देश भक्ति और विश्व में जगह बनाने में सक्षम नेता के लिए अति उत्तम संबोधन से प्रेरित ग़ज़ल अच्छी भाषा के कारण प्रभावित करती हैं

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