Noted NestMay 161 min readContemplating The Past And The Present Updated: Oct 1By Deepayan ChoudhuryBy Deepayan Choudhury
रोती मुस्कान By Atulyaa Vidushi पंछी था मन उसका दिल था कुछ मुसाफिर सा, कहता था समझता नहीं कुछ पर था हर बात से वाकिफ़ सा। मुस्कान लाता वो सबके चेहरे पर...
मेरा दिल By Atulyaa Vidushi एक पन्ने पर लिखू तो क्या बताउ अपनी बात , कहा एक पल में समझ पाउ मैं ; सुने मेरा दिल पहले मेरी, तब तो किसी और को...
The Mask I WearBy Khushi Tanganiya In a world of masquerades, I stood bare, While shadows donned faces they didn’t wear. Their eyes glittered with false...
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