By Shivani Jadhav
उदित सूर्यवंश में सूर्य हुआ था
भाग्य जागे राजा दशरथ के,
कौशिल्या का आँगन खिला था
चहक उठी अयोध्या नगरी,
उज्जवल सारा संसार था
राह निहारे देवता जिनकी,
अवतरण उन रघुनाथ का हुआ था
चरण धरे धरती पर प्रभु ने,
धन्य भारतवर्ष हुआ था
जीवन उनका मर्यादा का पर्याय,
जय जय कार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का हुआ था||
जय श्री राम
By Shivani Jadhav
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