By Debasis Patro
चलो आज करते हैं दो दो हाथ,
करते हैं बहस बिना बात।
निकलते हैं पुरानी बात,
लड़ते हैं पुराने गिलों पर
चलो हो जाए फिर से जंग की शुरूआत।
तुम कहना दो हरफ,
हम कहां फिर पीछे हटेंगे।
फिर होजाये गलत बात,
कुछ तो आये याद।
तुम फिर आओगे तो मेरे पास,
भूल गये थे जो मेरी बात;
आएगी फिर से याद।
चाहे हो कहीं गिले शिकवे,
हो चाहे हजारो घाव,
तुम याद करोगे फिर मुझे।
चलो होजाया फिर दो बात,
याद करेंगे वो रातें,
वो रंगीन मुलाकातें
वो प्यार भरी बातें।
वो बचपन की गलतियाँ,
वो बीते हुए लम्हे,
जियेंगे फिर जिंदगी,
चलो हो जाये शुरूवात।।
By Debasis Patro
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