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रोटी और कविता

Updated: Oct 4, 2024

By Gautam Anand



यदि मुझे रोटी और कविता में

किसी एक का चयन करना हो

तो मैं चुनूँगा कविता ही,

हालाँकि मेरी ज़रूरत रोटी है


वैसे मैं

कविता खा नहीं सकता

कविता पी नहीं सकता

और रोटी के बगैर जी नहीं सकता


फिर भी मैं चुनूँगा कविता ही

हालाँकि कविता लिखने से

रोटी नहीं मिलती

रोटी संघर्ष का प्रतिफल है मेरे लिए


संघर्ष ऐसे ही चलता रहता है 

भूख और चेतना (कविता) के बीच

भूख को तब तक मार सकता हूँ

जब तक भूख मुझे मारने पर

आमादा न हो जाये

चेतना को मार कर

अक्सर विक्षुब्ध हो जाता हूँ


भूख से नहीं मरना

यदि उपलब्धि है

तो इससे बड़ी कोई और त्रासदी नहीं

दुनिया के लिए.....


By Gautam Anand




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