By Dr Mayuri P Gurjar
बादमें रुहने मेरी ओढा होगा जिस्म,
उससे पहले तुजसे हुआ होगा ईश्क।
दी भी तो जिस्म पर इसलिए दस्तक,
क्या आती है कुछ खबर मेरी रुह तक।
तुजसे मिलके जाने क्यों रोया था,
जो मन मेेरा हंमेशा रहता था मस्त।
हम ना मिले ये दोनों मिलजुल कर रहे,
एक तेरी जुदाई एक मेरे अश्क।
By Dr Mayuri P Gurjar
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