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मैंने अपने ख्वाबों को रोज़ मरते देखा है।

Noted Nest

By Poonam Saroj


मैंने अपने ख्वाबों को रोज़ मरते देखा है।


मैंने सबको धीरे धीरे बनते देखा है

और सबने मुझे धीरे धीरे बिगड़ते देखा है।


मैंने सबको रोज़ निखरते देखा है

और सबने मुझे ढलते सूरज सा ढलते देखा है।


मैंने सबको कोयला से हीरा बनते देखा है

तो सबने मुझे धीरे धीरे पत्थर बनते देखा है।


मैंने लोगों को गिरकर संभलते देखा है

और सबने मुझे धीरे धीरे गिरते देखा है।


मैंने सबको अपने खर्चों को कमाते देखा है

और सबने मुझे खुद को गंवाते देखा है।


मैंने सबको कुछ खोकर कुछ पाते देखा है

और सबने मुझे कुछ न कुछ खोते हुए देखा है।


मैंने फिर भी सबको किसी न किसी की शिकायत करते देखा है

और सबने मुझे शिकायत के समय मौन रहते देखा है।


सबको मैंने हारकर जीतते हुए देखा है

और सबने मुझे रोज़ फिर हारते हुए ही देखा है।


सबने उड़ान भरते हुए अपने ख्वाबों को देखा है

और मैंने....। मैंने अपने ख्वाबों को रोज़ मरते देखा है।


By Poonam Saroj

 
 
 

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1 Comment


Guest
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