By Arushi Katiyar
प्यार और प्रेम में क्या अंतर है?
शायद समझना थोड़ा मुश्किल है,
या फिर ये कह लो कि हम चाह कर भी समझना नही चाहते,
क्योंकि हम जानते है कि अगर अंतर समझ आ गया तो दिक्कत हो जायेगी,
फिर क्या कर पाओगे वो बिना अपेक्षाओं वाला प्यार,
क्या कर पाओगे पूरी जिंदगी भर उसका इंतजार,
क्या उसके जिस्म से ज्यादा उसकी रूह में उतर पाओगे,
या उसके साथ सजाए हुए सपनो को खुद अपने हाथों से तोड़ पाओगे,
क्या जी पाओगे सिर्फ उसके नाम के सहारे,
या सुन पाओगे जब उसके होंठ किसी और का नाम पुकारे,
क्या अपनी तन्हाइयों में कर पाओगे उसको महसूस,
या रह पाओगे सिर्फ उसकी यादों के साथ तुम खुश,
क्या कर पाओगे तुम उससे प्रेम निःस्वार्थ,
क्या समझ पाओगे इस बेनाम रिश्ते का अर्थ,
अपनी हर सांस में क्या ले पाओगे उसका नाम,
क्या उसकी एक पुकार पर मौजूद हो पाओगे हर शाम,
नहीं शायद नहीं, ये इतना आसान नहीं है समझना,
प्रेम में अपना सब कुछ लुटा कर चैन से उसे आबाद होते देखना,
हां शायद तुम जब एक दिन ये समझ जाओगे,
तब शायद प्यार और प्रेम में अंतर कर पाओगे।
By Arushi Katiyar
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