By Sarthak Gupta

सुनो ना! शहर में जो कल पहली बारिश की बूंदों का जो छलकना हुआ,
इस दिल को तुम्हारा एहसास हुआ।
जब बूंदों का ज़मीन से टकराना हुआ,
मुझे लगा कि तुम्हारा वापस आना हुआ।
बारिश हो रही थी रिमझिम हवाएँ चल रही थी मद्धम,
उसमे मुझे सुनाई दी तुम्हारी पायलों की छम-छम।
हवाओं में बहती खुशबु से हुआ एक अलग सा एहसास,
एसा लगा मानो जेसे तुम बैठी हुई हो मेरे पास।
बारिश तो चली गई साथ ही उसका एहसास चला गया,
वैसे ही तुम भी चली गईं पर तुम्हारी प्यार भरी यादों के सहारे में यहीं रह गया।
एक दिन मिलेंगे जन्नत में और मुक्कमल होगा हमरा प्यार,
लेकिन तब तक यादों के सहारे यूहीं करूंगा तुम्हारा इन्तेज़ार।
By Sarthak Gupta
Great Vibes❤️