By Tanishka Ujawane
इस नादान दिल की यह जुर्रत,
सोचा तुम्हें भूल पाएंगे;
यह सोचा की किसी और के साथ वक़्त बिता कर,
तुम्हारी यादों को भुला सकेंग।
यह दिल भी ना क्या खेल खेलता है,
किसी और की बाहों में बैठकर भी तुम्हें याद करता है ।
खुदको समझाता है तुम तोह मिलने से रहे, कोई और मिल जाएगा ;
लेकिन फिर खुद ही कहता है, रहूँगा तोह बस तुम्हारा रहूँगा।।
इस दिल को क्या समझाऊ ?
की हमें पता है तुम तोह मिलने से रहे,
पर क्या करू ? चाहकर भी किसी और को ना छह सकू ,
क्योकि तुम ही तुम मेरे दिल में बसे।
चाहकर भी ना भुला सकू,
तुम्हारे उन समंदर सी गहरी आँखों को;
तुम्हारी अदाओं,
तुम्हारी बातों को।
ऐसा दील ही क्या ?
जो तुम्हारा होकर भी तुम्हे अपना ना बना सके ,
क्या करे हम ?
तुम्हें चाहकर भी ना भुला सके।
By Tanishka Ujawane
Beautiful ♥️♥️
Great 👍🏻 good work 👏🏻 💞
Good work !