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तेरी भलाई कौन सोच सकता ए इन्सान, एक ख़ुदा और दूजा तेरे मां -बाप !

By MD Tauhid Alam


तेरी भलाई कौन सोच सकता ए इन्सान, एक ख़ुदा और दूजा तेरे मां -बाप !


By MD Tauhid Alam

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