By Prerna Arora

कितनी प्यारी लगती है हँसती हुई स्त्रियाँ
जैसे खिलखिलाती है फूलों से भरी बगिया
अँधेरी रात में चमकता है चाँद
मिट्टी की वो सोंधी खुशबू
जो आती है पहली बरसात के बाद
उसके चेहरे की हँसी
आँखों में चमक बनकर जब उभरती है
उफ़, क्या क़यामत देखने वाले पर गुजरती है
बेहद सुकून मिलता है जब कोई स्त्री
होठों से नहीं दिल से मुस्कुराती है
अपने मन में चल रही उथल पुथल
बड़ी सावधानी से सबसे छुपाती है
घर में चल रही महाभारत
पति से चल रही अनबन
महीने के आखिरी में
रसोई में राशन की खींचतान
गर्मी की छुट्टियों में
पीहर ना जा पाने का मलाल
ज्यादा काम के कारण होने वाला कमरदर्द
बच्चों की शैतानियों से होने वाला सिरदर्द
इन सबके बावजूद
मुस्कुराती है, खिलखिलाती है स्त्रियां
ना जाने कितने घाव और राज
अपनी हँसी में छुपा लेती है स्त्रियां😍
By Prerna Arora
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