By Sayali Parate
खोजती हूॅ पर खोज नही पाती हूॅ।
खोजता हूॅ मैं अपने आप को
पर डूबा हुआ पाता हूॅ।।
मोहब्बत की बिमारी से
अपने आप को त्रस्त पाता हूॅ।।
कभी घुमने निकल जाया करता हूॅ,
कभी अकेले में बैठ जाता हू।।
खोजता हूॅ मैं हर दिन अपने आप को
डूबा हुआ पाता हूॅ, तुझमें अपने आप को।।
By Sayali Parate
❤️