By Chanda Arya
हँसते मुस्कुराते, प्रसन्न चेहरे
हृदय में संजोये हैं गहन वेदना,
उस वेदना के निकलने को एक द्वार चाहिए
अपनों की भीड़ में किसी अपने का साथ चाहिए।
कोई मौन है निरंतर..................
ये देख कर, जो शब्दों की बौछार करे
उस निपट अकेले व्यक्तित्व को
दो शब्द बोलने को बाध्य करे।
फिर शब्दों के पीछे - पीछे...............
वेदना, अश्रु रूप ले बह जायेगी
औ’
वो हँसते मुस्कुराते चेहरों की वेदना
शनैः शनैः चली जायेगी ।
प्रवाहित होगा एक नवजीवन उस जाते हुए से प्राण में
व्यथा तिरोहित हो जाएगी एक प्रश्न के व्यवधान से,
असमय समाप्त होता वह जीवन एक आधार पा जायेगा
बोझिल लगते जीवन में नवीन आशा का प्रकाश पुंज जगमगायेगा।
By Chanda Arya
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