By Ankur Kumar Tiwari
गुलाब बड़ा पुराना लगता है...
संभाला ऐसे कि कोई याराना लगता है...
काफ़ी दिन से डायरी में दफन है ये खत के साथ
और खत भी खुद में बंद एक ज़माना लगता है...
गुलाब बड़ा पुराना लगता है...
संभाला ऐसे कि कोई याराना लगता है...
किसी की यादें ताज़ा हो गई, कुछ के उधार याद आ गए...
आंखें बंद करते ही, सारे यार याद आ गए...
की स्याही अब भी सूख रही है खत की
और मुड़ाव सालों पुराना लगता है...
लोग चले जातें है ज़िंदगी से फ़ौरन अक्सर,
मगर एहसास मिटाने में ज़माना लगता है...
ये गुलाब काफ़ी पुराना लगता है...
संभाला ऐसे कि कोई याराना लगता है...
By Ankur Kumar Tiwari
So deep and it's so painful 🥺💔
Nice line..❤️❤️