By Jaya Shree Devkar

ज़िन्दगी क्यूँ इतनी ख़ास है?
क्यूँ हर दिन ये सवाल आजाता है।
क्यूँ दिल में छलकता है दर्द,
क्यूँ हर मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
क्यूँ ख़्वाबों की उड़ान होती है यहाँ,
क्यूँ हकीकत का मुकाबला करना पड़ता है।
क्यूँ मिलती हैं राहों में ठोकरें,
क्यूँ मन्जिल की तलाश में निकलना पड़ता है।
क्यूँ बिना साथ के आता है अकेलापन,
क्यूँ हर रिश्ता दर्द भरा कहानी बन जाता है।
क्यूँ नज़रों में आंसू होते हैं,
क्यूँ बातें अधूरी रह जाती हैं।
क्यूँ ज़िन्दगी इतनी रंगीन है,
क्यूँ हर मौसम अपनी कहानी सुनाता है।
क्यूँ ख़ुशी के साथ आता है ग़म,
क्यूँ हर कदम पर नई चुनौतियाँ मिलती हैं।
By Jaya Shree Devkar
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