By Harsh Chaudhary
वह मेरे तन-मन में समाई है,
उसकी यादों की खुशबू में,
मेरी हर सुबह मैंने सजाई है।
हर एक लम्हा उसके बिना,
लगता है जैसे खाली है,
उसकी हंसी की गूंज में,
मेरी दुनिया बसी है।
वो मेरे जज़्बातों का इज़हार,
मेरे ख्वाबों की तस्वीर है,
भूलने की कोशिश में करूं कैसे,
वो ही मेरी तक़दीर है।
कैसे भूलूं मैं उसे,
वह मेरी नस-नस में बसी है,
हर एक सांस में उसका नाम,
वो मेरे दिल की धड़कन में छुपी है।
By Harsh Chaudhary
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