By Diksha Khosla
कभी सोचा है तुमने
कितना सुंदर होगा वो पल जिस पल
हम सरोवर के घाट पर
अपने पाओं पानी मैं डाले
सामने से ढलते सूरज को देख रहे होंगे
और पीछे से हमें चाँद देख रहा होगा
हम एक दूसरे का हाथ थामे
साथ मैं बैठे
कई गाने गुनगुना रहे होंगे
एक दूसरे की आंखों में आंखें डाले
दोनों साथ मुस्कुरा रहे होंगे
तुमने सोचा है जो कभी ऐसा हुआ
तो वह कितना ही सुंदर पल होगा
ऐसा केहते समय
मुझे उसके चेहरे पर
बहुत प्यारी मुस्कान नज़र आयी
उसका वह प्यारा मुस्कुराता चेहरा
आज भी मेरे दिल मैं घर किए बैठा है
By Diksha Khosla
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