top of page
Noted Nest

ऐ बारिश !  तू अकेले क्यों नहीं आती …….

By Shweta Bhatnagar


ऐ बारिश ! तू अकेले क्यों नहीं आती ,

क्यों लाती है सैलाब ,बिसरि यादों का ,

डरती तो नहीं ,बह न जाए कहीं ?

या इंतज़ार है कुछ ख़ास इन मियादों का …..


हर एक बूँद में कुछ कहानी है ,

कुछ नयी , तो कुछ पुरानी है ,

हम तो आज भी खड़े उस ढेर पे हैं ,

जाने से ख्यालों ने ,कर दी आनाकानी है……

ऐ बारिश ! तू अकेले क्यों नहीं आती ………


गहरी सी हूँक है ,

दिल डूबता सा लगता है ,

जाए न ,बस पकड़ लू,

कुछ छूटता सा लगता है,

उफान लहरें साँसों की ,

डगमगायी सी गिरती हैं ,

ऐ याद ,छोड़ दे मुझे तनहा

क्यों यूँ दस्तक देती फिरती है …….

ऐ बारिश ! तू अकेले क्यों नहीं आती ………


जो तू सुन पाती,बारिश !

तो, मैं कहती ये तुझसे,

गीली पलकों से भिगोती ,

जो मिलती कभी तू मुझसे ,

फिर अनकहे सवालों से ,


टकराती ख्वाहिश ,

मिलती गले, सब यादें,

होती अलग ही बारिश

होती अलग ही बारिश

ऐ बारिश ! तू अकेले क्यों नहीं आती …….


By Shweta Bhatnagar

146 views2 comments

Recent Posts

See All

Untitled

By Sri Ramya Smruthi He always told me I was extraordinary That i was beautiful beyond limits That everybody would praise me and worship...

Silo

By Sri Ramya Smruthi Poetess’ note:- I am unsure of what a silo truly is, i have only seen them when i wander, or when i get lost in...

Flowers

By Sri Ramya Smruthi Let’s hold a banquet for flowers We’ll have a ball A grand gala for them all Roses, peonies, lilies, soft, white...

댓글 2개


Kumar Saurabh
Kumar Saurabh
9월 03일

Beautifully Written

좋아요

Pranav Seth
Pranav Seth
9월 03일

Very well said Shweta...

좋아요
bottom of page