By Krunal Rangari
बहता हुआ पानी भी गवाही देता है अपने ज़िंदा होने की,
तुम किस ख़ुशी में मरना चाहते हो?
ज़िंदगी के शहर में ग़म और ख़ुशी दोनों के मकान हैं,
तुम किस आशियाने में रहना चाहते हो?
बहती हवाएँ जो छूती हैं तुम्हारे लबों को
ये नीलम सी फिज़ाएँ जो देखती हैं तुम्हारी नज़रों को,
क्यूँ इनसे अपनी नज़रें फेरना चाहते हो?
मंज़िल के रास्ते में शराब और शरबतें दोनों मिलती हैं,
तुम किस ज़हर को पीना चाहते हो?
बहता हुआ पानी भी गवाही देता है अपने ज़िंदा होने की,
तुम किस ख़ुशी में मरना चाहते हो?
सर्द आहें जो तस्दीक हैं तुम्हारे छालों की
गर्म साँसें जो आवाज़ हैं तुम्हारे ख़ुद-सर होने की,
क्यूँ ऐसे लफ़्ज़ों को ख़ामोश करना चाहते हो?
दौड़ के नतीजे में हार और जीत दोनों मिलती हैं,
तुम किस नतीजों को गले लगाना चाहते हो?
बहता हुआ पानी भी गवाही देता है अपने ज़िंदा होने की,
तुम किस ख़ुशी में मरना चाहते हो?
ज़िंदगी के शहर में ग़म और ख़ुशी दोनों के मकान हैं,
तुम किस आशियाने में रहना चाहते हो?
By Krunal Rangari
Just fab broo
Kudos
Wow!!!!
Good motivational speech...Every one need rightperson AT right TIME..
Nice